उपन्यास >> छह बीघा जमीन छह बीघा जमीनफकीर मोहन सेनापति
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ओड़िया उपन्यास ‘छमाण आठगुंठ’ का हिन्दी रूपान्तरण
Chhe Bigha Zamin by Fakir Mohan Senapati
चित्रण-दोषों से सर्वथा मुक्त चरित्रांकन, वास्तविकता से लिए गए जीवन-चित्र तथा लेखन की अनुकरणीय शैली ने छह बीघा जमीन को कला के चरम उत्कर्ष की एक कृति बना दिया है। कालांतर में इस कथा तथा इसमें विवेचित समस्याओं की अर्थवत्ता का महत्त्व घट सकता है, परन्तु मानव-स्वभाव के मौलिक तथ्य तथा जीवन के मौलिक मूल्य फिर भी सदा बने रहेंगे और ओड़िया साहित्य के चरम उत्कर्ष की एक कृति के रूप में इस पुस्तक ने आकर-साहित्य का जो पद प्राप्त किया है, उसके गुण सदा अक्षुण्ण रहेंगे।
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